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Wednesday, May 18, 2011

गब्बर सिंह का चरित्र चित्रण - A must read

गब्बर सिंह का चरित्र चित्रण

1.
सादा जीवन, उच्च विचार : उसके जीने का ढंग बड़ा सरल था . पुराने और मैले कपड़े , बढ़ी हुई दाढ़ी , महीनों से जंग खाते दांत और पहाड़ों पर खानाबदोश जीवन . जैसे मध्यकालीन भारत का फकीर हो . जीवन में अपने लक्ष्य की ओर इतना समर्पित कि ऐशो - आराम और विलासिता के लिए एक पल की भी फुर्सत नहीं . और विचारों में उत्कृष्टता के क्या कहने ! ' जो डर गया , सो मर गया ' जैसे संवादों से उसने जीवन की क्षणभंगुरता पर प्रकाश डाला था .

. दयालु प्रवृत्ति : ठाकुर ने उसे अपने हाथों से पकड़ा था . इसलिए उसने ठाकुर के सिर्फ हाथों को सज़ा दी . अगर वो चाहता तो गर्दन भी काट सकता था . पर उसके ममतापूर्ण और करुणामय ह्रदय ने उसे ऐसा करने से रोक दिया .


3.
नृत्य - संगीत का शौकीन : ' महबूबा ओये महबूबा ' गीत के समय उसके कलाकार ह्रदय का परिचय मिलता है . अन्य डाकुओं की तरह उसका ह्रदय शुष्क नहीं था . वह जीवन में नृत्य - संगीत एवंकला के महत्त्व को समझता था . बसन्ती को पकड़ने के बाद उसके मन का नृत्यप्रेमी फिर से जाग उठा था . उसने बसन्ती के अन्दर छुपी नर्तकी को एक पल में पहचान लिया था . गौरतलब यह कि कला के प्रति अपने प्रेम को अभिव्यक्त करने का वह कोई अवसर नहीं छोड़ता था .


4.
अनुशासनप्रिय नायक : जब कालिया और उसके दोस्त अपने प्रोजेक्ट से नाकाम होकर लौटे तो उसने कतई ढीलाई नहीं बरती . अनुशासन के प्रति अपने अगाध समर्पण को दर्शाते हुए उसने उन्हें तुरंत सज़ा दी .

5.
हास्य - रस का प्रेमी : उसमें गज़ब का सेन्स ऑफ ह्यूमर था . कालिया और उसके दो दोस्तों को मारने से पहले उसने उन तीनों को खूब हंसाया था . ताकि वो हंसते - हंसते दुनिया को अलविदा कह सकें . वह आधुनिक यु का ' लाफिंग बुद्धा ' था .


6.
नारी के प्रति सम्मान : बसन्ती जैसी सुन्दर नारी का अपहरण करने के बाद उसने उससे एक नृत्य का निवेदन किया . आज - कल का खलनायक होता तो शायद कुछ और करता .


7.
भिक्षुक जीवन : उसने हिन्दू धर्म और महात्मा बुद्ध द्वारा दिखाए गए भिक्षुक जीवन के रास्ते को अपनाया था . रामपुर और अन्य गाँवों से उसे जो भी सूखा - कच्चा अनाज मिलता था , वो उसी से अपनी गुजर - बसर करता था . सोना , चांदी , बिरयानी या चिकन मलाई टिक्का की उसने कभी इच्छा ज़ाहिर नहीं की .


8.
सामाजिक कार्य : डकैती के पेशे के अलावा वो छोटे बच्चों को सुलाने का भी काम करता था . सैकड़ों माताएं उसका नाम लेती थीं ताकि बच्चे बिना कलह किए सो ऍ
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